अध्यात्म

फिटकरी और वास्तु शास्त्र का संबंध सकारात्मक बढ़ाता है ऊर्जा

फिटकरी और वास्तु शास्त्र का संबंध सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने से है। फिटकरी का उपयोग घर या कार्यस्थल की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने और वातावरण को शुद्ध करने के लिए किया जाता है। इसे जल में डालकर घर के प्रत्येक कोने में छिड़कने से वातावरण में ताजगी और शांति बनी रहती है। वास्तु शास्त्र में फिटकरी का उपयोग घर में नकारात्मक प्रभावों को दूर करने, शुद्धता बनाए रखने और सुख-समृद्धि बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह वास्तु दोष को कम करने और सकारात्मक वातावरण बनाने में सहायक माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार फिटकरी काफी फायदेमंद मानी जाती है क्योंकि इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, परंतु वास्तु शास्त्र में भी इसके बहुत से उपयोग हैं :

अगर आपके घर या ऑफिस में किसी भी तरह की वास्तु सम्बन्धी समस्या है तो उसे दूर करने के लिए 50 ग्राम फिटकरी का टुकड़ा घर या ऑफिस के हर कमरे या कोने में रख दें जहां किसी और की जल्दी से नजर नहीं जाती हो।

इससे विभिन्न वास्तु दोषों से होने वाली परेशानियों से आपको छुटकारा मिलेगा और आपके घर में सुख-शांति के साथ धन-सम्पदा में भी वृद्धि होगी। ध्यान रहे कि कुछ दिनों में जब फिटकरी का रंग बदलने लगे तो उसे नई फिटकरी से बदल दें।

अगर सोने से पहले काले कपड़े में फिटकरी बांधकर तकिए के नीचे रखें तो बुरे सपने नहीं आते और अज्ञात भय से मुक्ति मिलती है। धन लाभ के लिए भी फिटकरी का उपाय कारगर हो सकता है। इसके लिए घर में पोंछा लगाते समय फिटकरी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही कभी-कभी नहाने वाले पानी में भी फिटकरी डाल सकते हैं। इससे आपके परिवार में सुख और सौभाग्य बना रहेगा।

 

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