भोपालमध्य प्रदेश

जिला सीमाओं के सीमांकन के दौरान अब निमाड़ को भी नया संभाग बनाने की तैयारी

भोपाल

प्रदेश के मौजूदा 10 संभागों की संख्या में बढ़ोतरी की तैयारी तेज हो गई है। इस कवायद में प्रदेश के अंतिम छोर तक बसे जिलों को एक नई पहचान देने के प्रयास किए जा रहे हैं। मिर्ची, कपास और गन्ने की खेती के लिए प्रसिद्ध इस इलाके में बड़ी पर्वत शृंखला भी मौजूद है। अब तक इंदौर संभाग में शामिल रहे इन जिलों को निमाड़ संभाग का तमगा मिलने वाला है।

प्रदेश में एक नया संभाग बढ़ाने की कवायद शुरू हो चुकी है। नए सिरे से किए जा रहे जिला सीमाओं के सीमांकन के दौरान अब निमाड़ को भी नया संभाग बनाने की तैयारी की जा रही है। जानकारी के मुताबिक, इस नए संभाग में खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर और बड़वानी जिलों को शामिल किया जाएगा। अब तक इंदौर संभाग में शामिल इन जिलों की संभागीय मुख्यालय से दूरी अधिक होने के चलते नया संभाग गठित किया जा रहा है।

निमाड़ कई मामलों में प्रसिद्ध
पश्चिम और दक्षिण क्षेत्रों में बंटे निमाड़ की जमीन बहुत उपजाऊ मानी जाती है। यह क्षेत्र खासकर कपास, गन्ना और मिर्च उत्पाद के लिए पूरे प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में ख्याति रखता है। इसके अलावा इस क्षेत्र की पर्वत शृंखला भी देशभर में पहचानी जाती है।

पीथमपुर होगा इंदौर का
धार जिले में शामिल लेकिन मुख्यालय से करीब 55 किलोमीटर दूर स्थित पीथमपुर को अब नई पहचान इंदौर जिले का हिस्से का होने की मिलने वाली है। औद्योगिक क्षेत्र में मौजूद बड़ी फैक्ट्रियों का फायदा पिछड़े जिले धार को देने की शुरुआती मंशा रही, लेकिन रेलवे, वायुयान से लेकर शहरी सुविधाओं की वजह से कॉरपोरेट को हमेशा इंदौर ही पसंद रहा। इसके अलावा कर्मचारियों, अधिकारियों और मजदूरों को भी इंदौर से पीथमपुर आवाजाही आसान रही है, उसके चलते इस औद्योगिक क्षेत्र का फायदा अब तक धार की बजाए इंदौर को ही मिलता रहा है। नए बदलाव के दौरान अब पीथमपुर, इंदौर जिले का हिस्सा बन जाएगा।

बुधनी और सांची की दिक्कतें दूर
जिला मुख्यालय से दूरी के साथ मौजूद कुछ नगर अब पड़ोसी जिले में शामिल होने वाले हैं। कई किलोमीटर दूर सीहोर जिले में शामिल बुदनी अब नई व्यवस्था में नर्मदापुरम के साथ दिखाई देगा। इसी तरह सांची को भी रायसेन से हटाकर विदिशा जिले में शामिल किया जाएगा। गौरतलब है कि यह दोनों नगर अपनी मौजूदगी से महज चंद किलोमीटर दूर स्थित जिला मुख्यालय की बजाए दूरस्थ जिलों में शामिल हैं। जिसके चलते जरूरी कामों के लिए लोगों लंबी दूरी की यात्रा करना पड़ती है।

बनेंगे नए जिले
मप्र स्थापना के समय कुल 48 जिलों का साथ रखने वाले प्रदेश में अब कुल 55 जिले हो चुके हैं। अब नए सिरे से किए जा रहे सीमांकन के साथ इस संख्या में कुछ नए जिलों का समावेश होने वाला है। इनमें विदिशा जिले से कटकर सिरोंज नया जिला बनाया जाएगा। नर्मदापुरम में शामिल पिपरिया भी अब नया जिला बनने वाला है। इसी तरह सागर जिले में शामिल बीना भी नए जिले का आकार लेगा।

बदलाव यह भी होंगे

  •     सतना की चित्रकूट बनेगी नई तहसील।
  •     बैतूल का मुलताई होगा पांढुर्णा में शामिल।
  •     धार जिले का कुक्षी होगा बड़वानी जिले में शामिल।
  •     जबलपुर संभाग का नरसिंहपुर होगा नर्मदापुरम में शामिल।
  •     जबलपुर संभाग का डिंडोरी जिला होगा शहडोल में शामिल।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button