भोपालमध्य प्रदेश

प्रदेश में ट्रांसमिशन लाइनों एवं एक्स्‍ट्रा हाईटेंशन सब स्टेशनों की हो रही है असेट मेपिंग

भोपाल
मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी(एम.पी. ट्रांसको) प्रदेश की अपनी ट्रांसमिशन लाइनों एवं एक्स्ट्रा हाईटेंशन सब स्टेशनों की असेट मेपिंग करवा रहा है। इससे जहां ट्रांसमिशन एलीमेंटस का डिजीटल डाटा एक क्लिक पर उपलब्ध हो सकेगा ,वहीं किसी भी इमरजेंसी के समय मटेरियल मैनेजमेंट टाइम और व्यवधान को न्यूनतम करने में सहायता मिलेगी।

एम.पी. ट्रांसको के मुख्य अभियंता श्री आर.के. मिश्रा ने बताया प्रदेश की 27900 कि.मी. लाइनों एवं 416 सब स्टेशनों में यह असेट मेपिंग का कार्य चल रहा है। इसके लिये सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और डेशबोर्ड के निर्माण का कार्य भी करना है। अलग-अलग मॉडयूल में जानकारी संरक्षित की जा रही है। ट्रांसमिशन कंपनी के लाइन मेंटनेन्स कार्मिकों के साथ सबस्टेशन प्रभारी के मोबाईल पर ऐप से यह पूरी जानकारी उपलब्ध रहेगी।

सर्वे ऑफ इंडिया के मैप पर की जा रही है मेपिंग
ट्रांसमिशन एलीमेंट्स की मैपिंग सर्वे ऑफ इंडिया के मैप को आधार बनाकर की जा रही है जिससे डेटा की सटीक प्रमाणिकता रहेगी।

जीपीएस प्रणाली के उन्नत संस्करण
डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम(डीजीपीएस) के उपयोग से 1 सेंटीमीटर से 1 मीटर तक के स्थान में सटीकता से मैपिंग हो रही है।

यह हैं फायदे
असेट मैपिंग से ट्रांसमिशन टॉवरों में कोई समस्या आने पर टॉवर की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी त्वरित मिल जायेगी। ट्रांसमिशन कंपनी के सभी एलीमेंटस का डिजीटाइजेशन होने से व्यवस्थित रिकार्ड रखने में आसानी रहेगी, साथ ही मोबाईल ऐप पर भी जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। इस मैपिंग में ट्रांसमिशन कंपनी की भूमि का भी रिकार्ड उपलब्ध रहेगा।डेशबोर्ड पर विस्तृत जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध रहेगी।जरूरत के पार्टस, उपकरण आदि के बारे में पूरी जानकारी मिलने से सुधार कार्य और मटेरियल के इंतजामों में लगने वाले समय में कमी आयेगी। सर्वे ऑफ इंडिया के मेप पर की जा रही मैपिंग के अलावा कंपनी सर्वे एवं सॉफ्टवेयर डेवलप करने का कार्य भी कर रही है।

 

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