भोपालमध्य प्रदेश

जनजातीय छात्रों के लिए 51 छात्रावासों की स्वीकृति : मंत्री डॉ. विजय शाह

प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाभियान

जनजातीय छात्रों के लिए 51 छात्रावासों की स्वीकृति : मंत्री डॉ. विजय शाह

भोपाल

जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. विजय शाह ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाभियान (पीएम जनमन) में जनजाति वर्ग के आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक उत्थान के लिए 51 छात्रावासों की स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि छात्रों को मात्र शिक्षण संस्थान ही नहीं उनके लिए छात्रावास की उपलब्धता भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस अभियान में ऐसे 1296 गाँव चिन्हित किए गए हैं जहां 5 कि. मी. में कोई भी माध्यमिक विद्यालय संचालित नहीं है। ऐसे गाँवों में छात्रावासों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है।

117.30 करोड़ के प्रस्ताव

जनजातीय छात्रावासों के लिए विद्यालय रहित चिन्हित ग्रामों में केन्द्र सरकार द्वारा अभी तक 51 छात्रावासों के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें 22 छात्रावासों के लिए प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है और निविदा प्रक्रिया पूरी हो गई है। शेष 29 छात्रावासों के लिए डीपीआर तैयार है। छात्रावास गति शक्ति पोर्टल के अनुसार इसके अलावा 38 ओैर छात्रावासों की स्वीकृति का प्रस्ताव भारत सरकार के पास स्वीकृति के लिये भेजा है। इस पर प्रति यूनिट 2.3 करोड़ की दर से 117.30 करोड़ की लागत से कार्य योजना तैयार की गई है।

24 जिले, 1296 गाँव

मंत्री डॉ. विजय शाह ने बताया कि इस अभियान में जनजाति छात्रावासों के लिए प्रदेश के 24 जिलों के 1296 गाँव चिन्हित किए गए हैं। छात्रावासों के निर्माण के लिए तीन चरणों में स्वीकृति प्रस्ताव चलन में हैं। समग्र शिक्षा में छात्रावासों के लिए ऐसे गाँवों को चिन्हित किया गया है जहाँ 5 किमी के दायरे में माध्यमिक विद्यालय नहीं हैं। इस श्रेणी में शिवपुरी जिले में 192 गाँव चि‍न्हित किए गए हैं। शिवपुरी के लिए 9 छात्रावासों के निर्माण की प्रक्रिया चलन में है। इनमें 5 छात्रावासों की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है शेष 4 छात्रावासों के निर्माण का प्रस्ताव विचाराधीन है। इस क्रम में 129 गाँवों के साथ विदिशा दूसरे नंबर पर है, जहां 6 छात्रावासों के निर्माण के लिए तृतीय चरण में प्रस्ताव भेजे गए हैं। तीसरे स्थान पर 125 स्थानों के साथ शहडोल है जहां 6 छात्रावासों कि स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। इसके साथ ही नरसिंपुर में न्यूनतम 5 गांव चिन्हित किए गए हैं। न्यूनतम क्रम में इसके बाद 7 स्थानों के साथ मुरैना जिला है जहाँ चिन्हित छात्रावासों की संख्या 4 है जिनके प्रस्ताव स्वीकृति के लिए भेजे गए हैं।

 

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