भोपालमध्य प्रदेश

डीडीयूजीकेवाय योजना में रोजगार प्राप्‍त युवाओं की हुई एलुमिनाई मीट

भोपाल
मध्‍यप्रदेश राज्‍य ग्रामीण आजीविका मिशन में दीनदयाल उपाध्‍याय ग्रामीण कौशल योजना से लाभान्वित युवाओं की एलुमिनाई मीट आज स्‍थानीय कुशाभाउ ठाकरे इण्‍टरनेशनल कन्वेन्‍शन सेंटर में हुई। मीट में लगभग 600 युवाओं ने भाग लिया। युवाओं ने भी अपने अनुभव साझा किये। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय से आशीष सिन्‍हा तथा योजना अंतर्गत सहयोगी संस्‍थाओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

उल्‍लेखनीय है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत मध्‍यप्रदेश राज्‍य ग्रामीण आजीविका मिशन में दीनदयाल उपाध्‍याय ग्रामीण कौशल योजना का संचालन वर्ष 2014 से किया जा रहा है। योजना में 18 से 35 वर्ष के ग्रामीण निर्धन श्रेणी के युवक-युवतियों को बाजार में मांग आधारित तथा रूचि अनुरूप विभिन्‍न विषयों में नि:शुल्‍क कौशल उन्‍नयन प्रशिक्षण दिया जाता है। जनपद पंचायत स्‍तर पर रोजगार मेलों का आयोजन कर निजी क्षेत्र की वि‍भिन्‍न कंपनियों में योग्‍यता अनुसार रोजगार के इच्‍छुक युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्‍ध कराये जाते हैं। अब तक लगभग 78 हजार युवाओं को प्रशिक्षण देकर लाभान्वित किया गया है। रोजगार प्राप्‍त युवाओं को आपस में अनुभव साझा करने के लिये मिशन द्वारा एलुमिनाई मीट समय-समय पर की जाती है।

राज्‍य ग्रामीण आजीविका मिशन के मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी ललित मोहन बेलवाल ने युवाओं से कहा कि यह प्रसन्‍नता की बात है कि इस योजना का लाभ उठा कर आप जैसे हजारों युवा आत्म-निर्भर हो गये हैं। खासकर बेटियों की सफलता की कहानियाँ सुन कर एहसास होता है कि यह योजना किस तरह हजारों परिवारों का जीवन बदलने में सहायक है। उन्‍होंने कहा कि योजनाओं का लाभ लेकर सदैव आगे बढ़ने का प्रयास करते रहना चाहिये।

बेटियों की कहानी सुन कर माहौल भावुक हो गया। रोजगार प्राप्‍त युवतियों को सम्‍मान-पत्र देकर तथा उनके माता-पिता को मंच पर शॉल ओढ़ा कर सम्‍मानित कराया गया। योजना प्रशिक्षण और रोजगार उपलब्ध कराने वाली सहयोगी संस्‍थाओं को भी सम्‍मानित किया गया। एलुमिनाई मीट में 835 युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्‍ध कराये गये हैं। प्रतीक स्‍वरूप 10 युवाओं को मंच से ऑफर लेटर प्रदान किये गये। राज्‍य परियोजना कौशल विकास प्रबंधक, धीरेन्‍द्र सिंह ने अतिथियों को प्रदर्शनी का अवलोकन करवाया। के.के. श्रीवास्‍तव, सीओओ डीडीयूजीकेवाय मध्‍यप्रदेश ने आभार माना।

 

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