नवजात शिशुओं पर हींग का प्रयोग कब करें, जाने
हींग में इतने गुण हैं कि आप गिनते-गिनते थक जाएंगे। गैस का दर्द दूर करने में हींग किसी चमत्कार से कम नहीं है। गैस का दर्द उठने पर आपने भी हींग का उपयोग किया होगा लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि शिशुओं में हींग का इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं?
हींग में चमत्कारिक औषधीय गुण होते हैं जो बेबी के पेट की बीमारियों को आसानी से ठीक कर सकते हैं। चूंकि, शिशु का पाचन तंत्र पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता है इसलिए उन्हें पाचन संबंधी परेशानियां होने का खतरा अधिक रहता है और हींग यहां चमत्कार की तरह काम करती है।
चूंकि, शिशु का पाचन तंत्र बहुत संवेदनशील होता है और पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता है इसलिए उसे हींग ना देने की सख्त हिदायत दी जाती है। इससे बेबी के इम्यून सिस्टम को नुकसान हो सकता है और उसमें कोई रक्त विकार हो सकता है।
9 से 10 महीने से कम उम्र के बच्चे को किसी भी तरह से हींग नहीं खिलानी चाहिए। आप बेबी फूड में भी हींग को ना मिलाएं। बेंगलुरु के जीवोत्तम आयुर्वेद केंद्र के वैद्य डॉ. शरद कुलकर्णी, एम.एस.(आयुर्वेद), (पीएच.डी.) कहते हैं कि 10 महीने के होने के बाद बेबी को हींग दे सकते हैं। जब आप बेबी के लिए खिचड़ी बनाएं तो उसमें आधा चुटकी हींग डाल दें।
क्या फायदा देती है हींग
हींग पेट दर्द और गैस से छुटकारा पाने में मदद करती है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल तत्व होते हैं जो पेट में गैस्ट्रिक जूस के असंतुलित स्राव को नियंत्रित करते हैं। इससे एसिडिटी और पेट फूलने जैसी कई पेट संबंधी परेशानियों से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
इम्यून सिस्टम को फायदा
नवजात शिशुओं की इम्यूनिटी बहुत कमजोर होती है और हींग इसी पर काम करती है। हींग में एंटी-वायरल गुध होते हैं जो नवजात शिशुओं को वायरस, बैक्टीरिया और अन्य संक्रमणों से बचाने का काम करती है।
जुकाम में कैसे करें हींग का प्रयोग
जब आपके बेबी को जुकाम या खांसी हो जाती है तो आप एक गर्म पानी की कटोरी में हींग के तेल की कुछ बूंदें डालें। 10 महीने से अधिक उम्र के बच्चे को 10 से 15 मिनट के लिए बेबी को इसकी भाप में सांस लेने दें। आप हींग के तेल को बेबी की छाती, गर्दन और पीठ पर भी मल सकती हैं।
सूखी खांसी होने पर कैसे यूज करें
अगर 10 महीने से अधिक उम्र के बेबी को सूखी खांसी हो गई है, तो आप एक चम्मच शहद में हींग पाउडर, अदरक का रस डालकर उसे मिलाएं और दिन में तीन बार बेबी को इसका एक-एक चम्मच पिलाएं। एक ही बार में पूरा पिलाने की जरूरत नहीं है।