भोपालमध्य प्रदेश

चरनोई की जमीन को उद्योगों के लिए आवंटन किया जा रहा, लगेंगे उद्योग…

भोपाल

प्रदेश में 730 हेक्टेयर चरनोई और पहाड़ के साथ छोटे और बड़े झाड़ के जंगल की जमीन पर अब पेड़ पौधे और घास के बजाय उद्योग उगेंगे। राजस्व रिकार्ड में इस मद की जमीन का स्वत्व खत्म कर वहां उद्योगों के लिए जमीन आवंटन का काम किया जा रहा है। यहां औद्योगिक क्षेत्र विकास और क्लस्टर विकास के लिए जमीन देने का काम किया जा रहा है। जिन जिलों में क्लस्टर डेवलपमेंट और उद्योगों के लिए जिन जिलों की जमीन का आवंटन किया गया है उसमें इंदौर, नीमच, सागर, बुरहानपुर, सीहोर, बैतूल, भोपाल, जबलपुर, मुरैना, टीकमगढ़, पन्ना, आगर मालवा और रीवा जिले शामिल हैं।

इसके साथ ही कई जिलों में बंजर और कृषि भूमि का आवंटन भी किया गया है।  पांच सालों में औद्योगिक क्षेत्रों को राजस्व विभाग की जो भूमि उद्योग और क्लस्टर की स्थापना के लिए आरक्षित और आवंटित की गई है उसमें इंदौर के बेटमाखुर्द, नीमच के मनासा, दारू, सगराना, केसरपुरा, सागर के सिद्धगुवां, बुरहानपुर के सुखपुरी, मोहम्मदपुरा, सीहोर के बुधनी, बैतूल के डोडा बोरगांव, कढ़ाई, भोपाल के छापर और अचारपुरा की जमीन शामिल है। जबलपुर जिले में भटौली, कुदवारी, मुरैना जिले में मलखानपुर, टीकमगढ़ जिले के धरमपुर, पन्ना जिले के जनकपुर, सागर जिले के पटनाककरी, आगर मालवा के आंकली और रीवा जिले के धूना में जमीन आरक्षण और आवंटन का काम किया जा रहा है।

यहां चरनोई भूमि बांटी
जिन जिलों में चरनोई भूमि लघु उद्योग इकाइयों के लिए बांटी गई है उसमें सागर जिले में सिद्धगुवां में खसरा नम्बर 720 की बाह्य नजूल में आने वाली चारागाह की जमीन शामिल है। खुरई तहसील के ग्राम खुरई में खसरा नम्बर 258/1 की चरनोई जमीन भी आवंटित की गई है। रहली तहसील के पटनाककरी गांव की खसरा नम्बर 274/7 की चरनोई प्रयोजन के लिए आरक्षित जमीन उद्योग विभाग को हस्तांतरित कर दी गई है। बुरहानपुर जिले में सुखपुरी गांव की 155.75 एकड़ जमीन चरनोई के लिए आवंटित थी जिसे भी एमएसएमई को दिया गया है। बैतूल जिले में डूडाबोरगांव की जमीन 1955-56 में चराई मद में दर्ज थी। छोटे बड़े झाड़ के जंगल की यह जमीन भी आवंटित कर दी गई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button