राजनीतिक

कांग्रेस जगदीप धनखड़ के खिलाफ ला रही अविश्वास प्रस्ताव, साथ आए AAP, सपा और TMC; क्या आरोप

नई दिल्ली.
विपक्षी INDI गठबंधन की ओर से राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। कांग्रेस ने यह प्रस्ताव लाने की पेशकश की है, जिसका समर्थन INDI अलायंस के अन्य दल भी कर सकते हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि राज्यसभा के चेयरमैन के तौर पर जगदीप धनखड़ पक्षपात कर रहे हैं। वह विपक्षी दलों के सांसदों को मौका नहीं देते और उन्हें अनसुना किया जाता है। ममता बनर्जी की टीएमसी, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है।

विपक्षी दल संविधान के अनुच्छेद 67(B) के तहत इस प्रस्ताव को लाने वाले हैं। बता दें कि सोमवार को भी संसद के दोनों सदनों में कामकाज प्रभावित रहा। राज्यसभा में भी रुक-रुक कर हंगामा होता रहा और कई बार सदन को ठप करने के बाद अंत में पूरे दिन के लिए ही कार्यवाही स्थगित कर दी गई। इस दौरान जगदीप धनखड़ ने विपक्षी सांसदों के रुख पर दुख भी जताया और कहा कि ये लोग कामकाज बाधित कर रहे हैं और लोकतंत्र के मंदिर में चर्चा से बच रहे हैं।

राज्यसभा में सोमवार को सत्ता पक्ष एवं विपक्ष ने अलग-अलग मुद्दों पर भारी हंगामा किया, जिसके कारण उच्च सदन की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद अपराह्न करीब तीन बजकर दस मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। एनडीए के सांसदों ने कांग्रेस तथा उसके नेताओं पर विदेशी संगठनों और लोगों के माध्यम से देश की सरकार तथा अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप लगाया।

उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की। वहीं कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने अडानी समूह से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। तीन बार के स्थगन के बाद दोपहर तीन बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर भी सदन में हंगामा जारी रहा और विपक्षी सदस्यों ने अडानी समूह से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए प्रधानमंत्री और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विपक्ष के कुछ सदस्य अपनी सीट से आगे आ गए।

हंगामे के बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उनके कक्ष में सदन के नेता जेपी नड्डा और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ उनकी बैठक हुई। उन्होंने कहा, 'बैठक का उद्देश्य सदन में निर्बाध कामकाज सुनिश्चित करना था। दोनों पक्षों ने खुलकर चर्चा की और संकेत दिया कि राष्ट्र की अखंडता और संप्रभुता हमारे लिए पवित्र है। ’ धनखड़ ने कहा कि नेताओं ने मंगलवार को सुबह 10:30 बजे फिर से उनके कक्ष में मिलने पर सहमति जताई है। इसके बाद उन्होंने सभी सदस्यों से अपील की कि वे संविधान की शपथ पर सावधानीपूर्वक विचार करें ताकि राष्ट्र की अखंडता प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित की जा सके।

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